Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 21 60WPM, 80WPM Hindi Shorthand Dictation
आपको रामधारी गुप्ता खण्ड 1 की प्रतिलेखन संख्या 21 का हिंदी मे 60 wpm, 80wpm की स्पीड मे hindi dictation बोला गया है। इसको आप 4 से 6 बार लिख कर प्रैक्टिस करें।
Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 21 60 WPM Audio
Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 21 70 WPM Audio
Ramdhari Khand 1 Exercise 21 80 WPM Audio
Add soon…
Dictation लिखें – Khand 1 Exercise 20
उच्च गति अभ्यास प्रतिलेखखन संख्या – 21
अध्यक्ष महोदय, मैं आपका आभारी हूँ कि आपने मुझे बोलने का अवसर दिया। इस देश के वर्तमान भारी संकट के समय में और विशेष रूप से उस समय जबकि हम लड़ाई से अभी निवृत्त हुए हैं और आकाश में लड़ाई के बादल दूसरी तरफ से आने शुरू हुए हैं हमारे वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया है, वे इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
यद्यपि भिन्न-भिन्न पहलुओं को लेकर आलोचनाएँ की गई हैं लेकिन यदि उनकी कठिनाइयों को भी देखा होता कि राष्ट्र को किन-किन संकटों का सामना करना पड़ रहा है इस बात पर भी अगर मेरे से पहले बोलने वाले वक्ताओं ने विचार किया होता तो मेरा विश्वास है कि उनकी आलोचनाओं का आधार कुछ दूसरा होता। उन्होंने ऐसे कठिन अवसर पर यह एक संतुलित बजट पेश किया है उसके लिए मैं उन्हें बार-बार बधाई देता हूँ लेकिन साथ ही साथ मैं अपना यह कर्तव्य समझता हूँ कि कुछ ऐसे विचार भी उनके सामने प्रस्तुत करूँ जिससे उनकी कठिनाइयाँ कुछ हल हो जाएँ। उदाहरण के रूप में विगत दो वर्षों में लेखा-जोखा कमेटी में बैठने के समय मुझे ऐसा अनुभव हुआ है कि इस देश में दो, तीन इस प्रकार की त्रुटियाँ मौजूद हैं जिनको दूर करने के लिए, जिनकी जाँच करने के लिए यदि कोई एक कमेटी या आयोग बिठा दिया जाए तो राष्ट्र को, राष्ट्र की सरकार को राष्ट्र के विकास कार्यों को और राष्ट्र की रक्षा व्यवस्था के लिए करोड़ों नहीं अरबों की व्यवस्था फौरन हो सकती है। केवल शासन को जागरूक होकर कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है ।
अभी कुछ छिपे हुए धन का जिक्र किया गया। सरकार ने भी समय-समय पर ऐसा आभास दिया है कि इस देश में लगभग 30000 करोड़ रुपए का छिपा धन मौजूद है। स्वयं मैं समझ नहीं पाता हूँ कि जब सरकार ऐसा अनुभव करती है तो इसकी ” व्यवस्था करने में उसको दिक्कत क्या आ रही है। ऐसा मालूम होता है कि कहीं इच्छा शक्ति की कमी है। भारत की इस सरकार ने अपनी शक्ति का ठीक से उपयोग करके उस दुश्मन के दाँत खट्टे किए जिसके कि ऊपर विश्व की शक्तिशाली और इंगलैंड जैसी शक्तियों का अटूट सहारा था और जिसको कि उन्होंने हमारे विरुद्ध उकसा कर खड़ा किया था और अपना पूर्ण सहयोग दिया था।