Shorthand Skill Test की परीक्षा कैसे होती है? Dictation, Reading & Transcription
आज के समय में सरकारी नौकरी पाना बहुत ही कठिन हो गया है। हर परीक्षा में छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिससे की कंपटीशन बहुत ज्यादा बढ़ गया। अगर आपको भी सरकारी नौकरी पाना है, तो आप स्टेनोग्राफर यानी कि आशुलिपिक बन सकते हैं। इसमें अन्य परीक्षाओं की अपेक्षा कम प्रतिस्पर्धा है। जिससे कि इस परीक्षा को पास करना आसान होता है और आप एक सरकारी नौकरी आसानी से पा सकते हैं।
सुनने में तो लगता है की कंपटीशन काम है पर आप परीक्षा तो पास कर लेंगे। परन्तु जो सबसे बड़ी बाधा इसकी परीक्षा में है, वह खुद Shorthand है। Shorthand एक प्रकार की स्किल है जो कि आपको आनी चाहिए। यह एक ऐसी स्किल है जिसका कार्य होता है कि आधिकारी व जिसके भी आप PA हो वे अगर कुछ बोल कर लिखवाएं, तो Stenographer उसको बिना गलती लिख दें।
तो इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि किसी भी परीक्षा में एक स्टेनोग्राफर यानी कि Shorthand की परीक्षा कैसे होती है? जो कि आपकी प्रारंभिक परीक्षा होने के बाद स्किल टेस्ट के रूप में ली जाती है तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
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आशुलिपि का Skill Test
आशुलिपि की परीक्षा पास करने के लिए छात्रों को सबसे पहले डिक्टेशन बोला जाता है। जितनी भी सरकारी परीक्षाएं होती हैं हर सरकारी परीक्षा में अलग-अलग तरह से स्किल टेस्ट लिया जाता है। अधिकतर परीक्षाओं में 400 शब्द का मैटर बोला जाता है, 80 शब्द प्रति मिनट की दर से और SSC Stenographer, EPFO Steno जैसी परीक्षाओं में 800 शब्द बोला जाता है 80 शब्द प्रति मिनट, 10 मिनट में, जो छात्र इनको इतने टाइम में लिख लेते हैं और सही-सही ट्रांसक्रिप्शन लिख देते है, बिना ज्यादा गलती के वही परीक्षा में पास होते हैं।
तो जब परीक्षार्थी आशुलिपि का Skill Test देता है तो उसके साथ क्या-क्या करवाया जाता है इसका पूरा विवरण मैंने दिया है आप पूरा पढ़ें-
Dictation लिखना आशुलिपि में
सबसे पहले आपको परीक्षा के अनुसार 400 शब्द या 800 शब्द का मैटर बोला जाता है। यह डिक्टेशन मैटर हिंदी व अंग्रेजी में हो सकता है जैसा आपने परीक्षा का फॉर्म भरते समय भाषा चुनी हो। रियल डिक्टेशन बोलने से पहले आपको एक डेमो डिक्शन 1 मिनट का बोला जाता है। जिससे कि आप पता कर सके कि आप को जो आवाज आ रही है साफ-साफ आ रही है कि नहीं और जो आपका डेस्क है वह सही है कि नहीं जब आप पूरी तरह से संतुष्ट रहते हैं, तब जाकर मेन डिक्टेशन मैटर 80 शब्द प्रति मिनट व 100 शब्द प्रति मिनट की गति से बोला जाता है। इसको आपको अपनी कॉपी में शॉर्टहैंड (आशुलिपि) में लिखना होता है।
आशुलिपि को पढ़ने का समय
अब जब आप डिक्टेशन को शॉर्टहैंड में लिख चुके हैं तो आपको ट्रांसक्रिप्शन करने से पहले 10 मिनट का समय दिया जाएगा। जिसमें आप लिखे गए डिक्टेशन मैटर को पढ़ सकते हैं और जो कुछ भी आपको संशोधन करना हो वहीं पर कॉपी में अपने पेंसिल या पेन से कर सकते हैं।
नोट- यहां पर आप परीक्षा हॉल में कहीं भी अगल-बगल किसी की कॉपी में ना देखे नहीं तो आपको परीक्षा से निकाल दिया जाएगा। कुछ ज्यादा ना लिखें कॉपी में, बस जहां पर कुछ आउटलाइन मैं आपको कमी लग रही हो या फिर आपने कोई जगह खाली छोड़ हो, जो आपको याद हो कि यहां पर मैंने यह शब्द लिखना था तो आप बस उतना लिखिए पूरी कहानी ना लिख दे जो आपने शॉर्टहैंड में लिखा, नहीं तो आपको परीक्षा से निकाला जा सकता है।
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Shorthand Transcription
तो डिक्टेशन बोलते समय जो चीज आपने शार्टहैंड यानी कि आशुलिपि में लिखी थी। अब आपको वापस से उसी आशुलिपि मैटर को हिंदी अथवा अंग्रेजी जो भी आपका माध्यम हो उसमें उसको टाइप करके कंप्यूटर में लिखना है, इसे ही Shorthand Transcription कहते है। इसके लिए आपको परीक्षा हॉल में 50 मिनट से लेकर 65 मिनट का समय दिया जाता है और इस समय सीमा के अंदर आपको वह 400 शब्द या फिर 800 शब्द को अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर टाइप करके दे देना।
जब आप टाइप कर देंगे तो परीक्षा हॉल में जो टीचर होंगे। वह आएंगे और आपके मैटर को प्रिंट कर के निकाल लेंगे। तो जो आपने मैटर शॉर्टहैंड में अपनी कॉपी में लिखा है और जो कंप्यूटर से टाइप किया हुआ प्रिंटआउट निकाल है, इन दोनों को लेकर और आपका नाम लिखवा कर उसको ले जाकर जमा करवा दिया जाएगा। इसमें आप ध्यान दें कि आपका नाम, रोल नंबर आदि सब कुछ सही-सही लिखा रहे। जिससे की परीक्षा कॉपी चेक होने में कोई समस्या ना हो और आपका रिजल्ट सही आए।
प्रमुख बिन्दु परीषा हॉल मे आशुलिपि लिखने से पहले
कुछ प्रमुख बिंदु है जिनको आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए जब भी आप परीक्षा हॉल में आशुलिपि लिखने जैन यानी की स्किल टेस्ट देने जाएं
- सबसे महत्वपूर्ण बात यही है कि अगर आप स्किल टेस्ट देने गए हैं और आपका स्किल टेस्ट शुरू नहीं हुआ हैतो बाहर कभी भी किसी से ज्यादा बातचीत ना करें जब तक आपका स्केल टेस्ट ना हो जाए और पूरी तरह से कंसंट्रेशन लगाकर अपने अंदर ध्यान लगाए।
- आपके पास पेंसिल सही हो जिसकी नोक मजबूत हो लिखते समय वे टूटे ना या फिर अगर आप पेन से लिखते हैं तो वह पेन अच्छे से लिखता हो ज्यादा लिंक ना छोड़ना हो।
- जिस जगह आप बैठे वहां का चेयर और डेस्क सही हो डेस्क में कहीं भी छेड़ ना हो जिससे कि लिखते समय कॉपी फटे ना।
- इधर-उधर ना देखें और ना ही किसी से बात करें इससे आपकाध्यान भटकेगी और मैटर आप सही लिख नहीं पाएंगे।
- परी चौहान में ज्यादा डरे ना जितना भी आपने मैटर लिखा है और जितनी भी शब्द आपको याद है उन्हें का प्रयोग करके आप अपने मैटर को लिखें।
- जब आप मैटर लिख रहे हो तो सारे शब्दों को लिखें अगर कोई शब्द कठिन आया हो या फिर पहली बार आप लिख रहे हो तो उसे प्रकार के शब्द को ना लिखें और स्किप कर दें सिर्फ उन्हीं शब्दों को लिखे जो आपको आते हैं।
- मैटर लिखने के बाद आप अपनी डेस्क पर ही रहें और कभी भी दाएं बाएं और किसी से बात ना करें।
- जब आप ट्रांसक्रिप्शन करने जाएं तो ध्यान रखें जो आपके कीबोर्ड और कंप्यूटर दिया गया है वह सही से कार्य कर रहा है की नहीं। कीबोर्ड के सारे बटन काम कर रहे हो, जिससे कोई भी शब्द लिखने में आपको समस्या ना हो।
- डिक्टेशन का ट्रांसक्रिप्शन करने के बाद आपको जो छाया प्रति मिलेगी आपके लिखे हुए डिक्टेशन की उसको आप देख लें कि जो छाया प्रति है वह आपकी ही हैकिसी और की तो नहीं और तभी उसे पर साइन करें और उसको जमा कर दें।
Conclusion
आखिर आपको अब पूरी जानकारी मिल गई होगी कि अगर आप किसी Steno परीक्षा को पास करने के बाद स्टेनोग्राफर का स्किल टेस्ट देने जाते हैं। तो क्या-क्या प्रोसेस होता है और कैसे उसको पूरा करना है। शॉर्टहैंड अपने में एक बहुत ही कठिन स्किल भी है और आसान भी है। बस सीखने का जज्बा अगर अंदर हो तो आप कुछ भी सीख सकते हैं तो चाहे स्टेनोग्राफी (Shorthand) ही क्यों ना हो।