Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 7 60 WPM Hindi Shorthand Dictation

इसमे आपको रामधारी खण्ड 1 की प्रतिलेखन संख्या 7 का हिंदी मे 60 शब्द प्रति मिनट की स्पीड मे shorthand dictation बोला गया है। इसको आप कम से कम 5 से 6 बार लिखें इस अभ्यास 7 को 60wpm की speed पर। कठिन शब्दो को अलग से लिख कर प्रैक्टिस करें।

Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 7 60 WPM Audio

 

Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 7

प्रतिलेखखन संख्या – 07

अध्यक्ष महोदय, दसवीं पंचवर्षीय योजना पर विचार करते समय सदन के दोनों पक्षों के सदस्यों ने जो महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं उन पर विचार किया जाना बहुत आवश्यक है। अध्यक्ष महोदय, नौवीं पंचवर्षीय योजना का अब अंतिम वर्ष चल रहा है और इस योजना के अंदर जो चीजें कही गई हैं, ऐसा लगता है कि उसके अंदर परिवर्तन करना कठिन है। बदला भी नहीं जा सकता।

अध्यक्ष महोदय, कुछ चीजें की जा सकती हैं। उसके अंदर आज भी कुल कितना खर्च है, यह तय नहीं किया गया। केवल कटौती ही निश्चित की गई है। शुरु में मैं यह कहना चाहता हूँ कि यहाँ पर कुछ सदस्यों ने जो यह प्रश्न उठाया था कि इस पंचवर्षीय योजना का आशय कुछ सरकारी पक्ष से भी बताया है। इसके अंदर कमियाँ हैं और बहुत-सी कमियाँ हैं जिनके ऊपर मैं यहाँ कुछ दोषारोपण नहीं करना चाहता हूँ। मैं चाहता भी हूंँ कि इस तरह से प्रश्न न उठाए जाएँ तो ज्यादा अच्छा है। यह योजना सरकार ने बनाई है। यह योजना मंत्रिमंडल ने पहले बनाई और अनुमोदन होने के बाद भी इसमें कुछ कमियाँ रह गई हैैं। तो यह कमी रहने का दोष किसके ऊपर हैं? मैं समझता हूँ सदन के सभी सदस्य इसको जानते हैं।

बहुत-से लोगों ने दिल्ली के प्रश्न उठाए, जो दिल्ली के साथ अन्याय किया गया है। तो मैं समझता हूँ इस बारे में सब आवाज उठाएँ, इस बात की आज ज्यादा जरूरत है। मैं यह कहना चाहता हूँ भारत सरकार से या जिन्होंने ये सारी योजनाएँ बनाईं उन्होंने वास्तव में यहाँ के साथ बड़ा बुरा किया, यहाँ के साथ अन्याय किया क्योंकि उन्होंने इस पंचवर्षीय योजना को बनाते समय ध्यान नहीं दिया कि क्या योजना बना रहे हैं। गलत बना रहे हैं या सही बना रहे हैं। इनसे क्या लाभ-हानि होगा इन सब बातों पर उन्होंने विचार नहीं किया। तो मैं समझता हूँ ऐसी परिस्थितियों के अंदर यह बात ठीक नहीं है। ऐसी दशा में यहाँ पर पाँच वर्षों में आने वाली योजनाएँ बेकार बनकर रह जाएँगी। जो कटौती निश्चित की गई है उसको समाप्त करना चाहिए ताकि दिल्ली को हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक आदर्श नगर बना सकें। यह बहुत ही आवश्यक है यदि हम इस स्थान की उन्नति चाहते हैं। इसलिए अब मैं अपना कथन इन शब्दों के साथ ही समाप्त करता हूँ।

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