Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 26 60WPM, 80WPM Hindi Shorthand Dictation
आपको रामधारी गुप्ता खण्ड 1 की प्रतिलेखन संख्या 26 का हिंदी मे 60 wpm, 80wpm की स्पीड मे hindi dictation बोला गया है। इसको आप 5 से 6 बार लिख कर प्रैक्टिस करें।
Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 26 60 WPM Audio
Ramdhari Khand 1 Exercise 26 70 WPM Audio
Ramdhari Khand 1 Exercise 26 80 WPM Audio
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Dictation लिखें – Khand 1 Exercise 25
उच्च गति अभ्यास प्रतिलेखखन संख्या – 26
सभापति महोदय, खेती के बाद उद्योग का हमारे देश के आर्थिक जीवन में बड़ा प्रमुख और महत्वपूर्ण स्थान है। स्वतंत्रता के बाद देश में बड़े-बड़े और मौलिक उद्योग-धंधे खड़े किए गए हैं, जिनकी बहुत आवश्यकता थी। उस दिशा में अच्छा प्रयास किया गया है और उसमें बड़ी सफलता भी मिली है। लेकिन जहाँ बड़े-बड़े उद्योग-धंधे खड़े हुए, वहाँ छोटे-छोटे उद्योग-धंधों की, विशेष रूप से उन उद्योग-धंधों की, जो देश में परंपरा से चले आ रहे थे बड़ी उपेक्षा हुई। बहुत से उद्योग-धंधे अपने पुराने ढंग से चले आ रहे हैं, उनमें कोई नया परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है, उनका कोई विकास नहीं हो सकता है। देश की स्थिति को देखते हुए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कौन से नए उद्योग-धंधे खड़े किए जा सकते हैं, इस बारे में कोई अनुसंधान नहीं किया गया है। खादी और ग्रामोद्योग स्थापित किया गया और उसने खादी और कुछ ग्रामीण उद्योग-धंधों को लिया, लेकिन उसकी भी कुछ सीमाएँ हैं।
बहुत-से उद्योग-धंधे ऐसे हैं, जिनको प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए था। लेकिन प्रोत्साहन देना तो दूर रहा, ऐसी नीति अपनाई गई कि उनके काम में बाधा पैदा हुई और उनमें बहुत-से टूट गए। इसका परिणाम यह हुआ है कि एक तरफ तो हमने दिखाने के लिए बड़े-बड़े कल कारखाने खड़े किए हैं, लेकिन दूसरी तरफ बेकारों की संख्या बढ़ती गई है। आज यह समस्या एक भीषण रूप में हमारे सामने आई है। यदि हम छोटे-छोटे उद्योग-धंधों को विशेष रूप से कृषि से संबंधित उद्योग धंधों को बड़े-बड़े शहरों में नहीं, दूर-दूर ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं फैलाते हैं, तो इसके दो दुष्परिणाम होंगे। एक तो उद्योगों का केंद्रीकरण होगा, दूसरे, शहरों की जनसंख्या बढ़ेगी, जिससे अनेक जटिल समस्याएँ पैदा होंगी। इससे हर एक आदमी को काम नहीं मिलेगा और हमारे जो पुराने उद्योग-धंधे जीवन से संबंधित सामग्रियाँ तैयार करते हैं, उन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन सरकार की ऐसी नीति रही है कि उनमें से बहुत-से उद्योग-धंधे समाप्त होते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि इस उद्योग में लगे हुए आदमी बेकार हो रहे हैं। मैं चाहूँगा कि सरकार ऐसे उद्योग-धंधों को अधिक प्रोत्साहन देने का प्रयत्न करे। इस प्रयत्न के लिए हम इस मौके पर सरकार का समर्थन देशभक्ति की भावनाओं से करते हैं। (398)
