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Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 24 60WPM, 80WPM Hindi Shorthand Dictation

आपको रामधारी गुप्ता खण्ड 1 की प्रतिलेखन संख्या 24 का हिंदी मे 60 wpm, 80wpm की स्पीड मे hindi dictation बोला गया है। इसको आप 5 से 6 बार लिख कर प्रैक्टिस करें।

Ramdhari Gupta Khand 1 Exercise 24 60 WPM Audio

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Ramdhari Khand 1 Exercise 24 80 WPM Audio

 

Dictation लिखें – Khand 1 Exercise 23

उच्च गति अभ्यास प्रतिलेखखन संख्या – 24

महोदय, यह मानना कि उनको रोका नहीं जा सकता, गलत है। इस महँगाई को रोकने के लिए कुछ विशेष कदम उठाने होंगे, कुछ विशेष काम करने होंगे। एक विशेष चीज जो इस बजट में आई है और जो घबराहट पैदा करने वाली है, यह है कि देश की पैदावार तो बढ़ रही है, देश का विकास तो हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही साथ देश में बेकारी बढ़ रही है और खासतौर पर पढ़े-लिखे लोगों की बेकारी बढ़ रही है। लोगों का बेकार होना खतरनाक चीज है। हमारी स्वतंत्रता के बाद शायद यह पहला अवसर है जब हमारी स्वतंत्रता के ऊपर एक आघात हुआ है और हम जिस प्रकार अपनी स्वतंत्रता की प्राप्ति के समय अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए तैयार थे उसी प्रकार इस समय भी हमें तैयार होना होगा। माननीय प्रधानमंत्री जी के मत से मैं सर्वथा सहमत हूँ कि यह एक ऐसा अवसर है जिस अवसर पर कि इस देश की प्रतिनिधि संस्था, जो यह लोकसभा है, उसे इस संबंध में अपनी स्पष्ट राय देनी है, और उस राय को देने के बाद हमें उस राय के अनुसार सरकार जो भी कार्रवाई करे उसमें सरकार को पूरा-पूरा सहयोग भी देना है। प्रजातंत्र में प्रजा के पूर्ण सहयोग के बिना काम नहीं चल सकता चाहे वह कोई काम हो, छोटा काम हो या बड़ा काम हो। फिर यह तो हमारी स्वतंत्रता की रक्षा का प्रश्न है और ऐसे अवसर पर प्रजातंत्रवादी राष्ट्र को उसकी सारी प्रजा को, सरकार के साथ सहयोग के लिए तैयार रहना चाहिए।

मैंने यह बात कई बार कही है और मैं फिर इसे दोहराना चाहता हूँ कि अनेक ऐसी बातें हैं जिनमें कि भिन्न-भिन्न राजनीतिक दलों के होते हुए भी सब राजनीतिक दल मिलजुलकर काम कर सकते हैं। यह एक ठीक इसी प्रकार का अवसर है। मैं अपने प्रधानमंत्री जी की वैदेशिक नीति का बड़ा भारी समर्थक रहा हूँ और कल इस सदन में इस संबंध में जो बहस हुई उससे भी यह पूरा परिणाम निकाला जा सकता है कि जहाँ तक हमारी वैदेशिक नीति के सिद्धांतों का संबंध है वहाँ तक इस सदन का कोई दल, इस सदन का कोई भी सदस्य, उन सिद्धांतों के विरुद्ध नहीं है। कल मैंने बड़े ध्यान से अपने साम्यवादी दल के नेता का भाषण सुना। उन्होंने यह कहा कि मूल प्रश्न हमारी मूल नीति के समर्थन का है। (382 शब्द)

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